हरियाणा के मंत्रियों का बड़ा सवाल: मुख्यमंत्री से ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकार की मांग

हरियाणा के भाजपा सरकार के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार देने की मांग की है। वर्तमान में, राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री के पास है, जिससे मंत्रियों और विधायकों को कर्मचारियों के ट्रांसफर के मामलों में परेशानी हो रही है। इस मुद्दे पर मंत्रियों ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की है और मुख्यमंत्री से अपनी मांग को पूरी मजबूती से रखा है।

1. मंत्रियों का गुस्सा और सीएम ऑफिस से नाराजगी 😡
मंत्रियों का कहना है कि उन्हें किसी कर्मचारी का ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) से अनुमति लेनी पड़ती है, और इसका पूरा प्रोसेस बहुत ही लंबा और जटिल है। इसके अलावा, ट्रांसफर आदेशों के लिए ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित सभी आदेश जारी करते हैं। मंत्रियों के अनुसार, इस प्रक्रिया में उन्हें खुद ही एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है, जिससे उनके अधिकारों पर सवाल उठते हैं और यह स्थिति उनकी कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती है।
2. ट्रांसफर अधिकार पर मंत्रियों की मांग 📋
मंत्रियों ने सीएम सैनी से यह मांग की है कि उन्हें जिला स्तर से लेकर ग्रुप बी कर्मचारियों के ट्रांसफर करने का अधिकार दिया जाए। फिलहाल, यह अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास है। मंत्रियों का यह कहना है कि यदि वे अपने-अपने विभागों में सुधार करना चाहते हैं या कोई सुधारात्मक कदम उठाना चाहते हैं, तो उन्हें कर्मचारियों के ट्रांसफर में सीधे हस्तक्षेप करने का अधिकार होना चाहिए।
3. ट्रांसफर-पोस्टिंग की वर्तमान स्थिति: CMO की भूमिका 🏛️
हरियाणा में ट्रांसफर और पोस्टिंग का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री के पास है, जिसमें IAS, IPS अधिकारियों से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक के ट्रांसफर आते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में एक HCS अधिकारी को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) नियुक्त किया गया है, जो ट्रांसफर से संबंधित सभी आदेश जारी करते हैं। जब भी किसी कर्मचारी या अधिकारी का ट्रांसफर करना होता है, तो पहले मुख्यमंत्री से अनुमति ली जाती है, उसके बाद OSD ट्रांसफर आदेश जारी करते हैं।
4. मंत्रियों के अधिकारों पर सवाल और विधायकों की दिक्कत 🤔
मंत्रियों का कहना है कि इस स्थिति से न सिर्फ उन्हें बल्कि विधायकों को भी परेशानी हो रही है। उनके अनुसार, ट्रांसफर के मामलों में सीधे हस्तक्षेप करने का अधिकार न होने से न केवल उनका काम प्रभावित हो रहा है, बल्कि यह भी संदेश जा रहा है कि उनकी स्थिति कमजोर हो रही है। इसी कारण मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से अपनी मांग पूरी करने की अपील की है।
5. पहले मिला था ट्रांसफर का अधिकार, अब क्यों नहीं? 📅
हरियाणा सरकार में पहले मंत्रियों को हर साल एक महीने के लिए ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार मिलते थे। यह अधिकार मनोहर लाल खट्टर के दूसरे टर्म के दौरान 2019 में दिया गया था। तब मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल ने 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक मंत्रियों को ट्रांसफर की पावर दी थी। हालांकि, इसमें भी पूरा महीना नहीं मिलता था, और 2020 से लेकर 2024 तक मंत्रियों को यह अधिकार नहीं मिला। जब नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने, तब भी ट्रांसफर-पोस्टिंग का वही पुराना सिलसिला जारी रहा। OSD नियुक्त HCS अधिकारी को भी नहीं बदला गया है।
6. सीएम के असमंजस और भविष्य की स्थिति 🔍
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस मुद्दे पर असमंजस का सामना करना पड़ रहा है। मंत्रियों के इस आग्रह को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया गया है, और सीएम अभी भी इस पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, यह मुद्दा हरियाणा की सरकार में एक अहम विषय बन गया है, और इसके परिणाम राज्य के प्रशासनिक ढांचे पर भी असर डाल सकते हैं। मंत्रियों को ट्रांसफर का अधिकार दिए जाने से प्रशासन में और अधिक दक्षता आ सकती है, लेकिन यह निर्णय मुख्यमंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।